HINDI KAHANI FUNDAMENTALS EXPLAINED

hindi kahani Fundamentals Explained

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किसी जंगल में भासुरक नाम का एक सिंह रहा करता था.

अतः उसने निश्चय किया कि वह फिर से घौसला बनाने के कार्य में पूरी सिद्धत से लग जायेगी.

बरसात के दिन थे. शीला बच्चों को लेकर शाला जा रही थी.

समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ

कुछ फैसला करने से पूर्व मेरे देरी से आने का कारण तो जान लीजिए. शेर गुराया- जो बोलना हैं, जल्दी बोल.

तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर गईं. देखने से पंडित लगने वाला व्यक्ति भारतीय लगता था.

इसलिए कि इन्होने सहकार की भावना से काम किया. खुद भी खाओं दूसरों को भी खिलाओं, जिओं और जीने दो.

पर खेत का मालिक नही माना, कुछ देर बाद गायों का एक झुण्ड आया. कुरज ने वैसे ही करुण स्वर में विनती की-

आप दोनों ही कल मेरे यहाँ भोजन पर आमंत्रित हो. भोजन के बाद बताउगा की कौन बुद्धि में श्रेष्ट हैं.

एक कहता यह भूमि मेरी हैं और मैं इसका स्वामी हूँ, जबकि दूसरा उस भूमि को अपना बतला रहा था.

कर्म, कठोरता, लगन और निष्ठां से कोई भी व्यक्ति महान बन सकता हैं.

सोचा हमने ढेरों पैसा कमाया हैं, वैसे भी यह अपने वतन का आदमी हैं,

उसने सोचा यह कुछ ही मिनट का काम है वह तिनकों को लेकर पेड़ की डाल पर चढ़ी और उन पर रखती गयी मगर जैसे जैसे वह तिनका रखती वह नीचे गिरती रही.

राजा ने तुरंत उसे मुक्त कर दिया. इसके बाद पड़ोसी राजा ने अपनी कन्या के साथ उसका विवाह कर दिया.

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